Spreuke 9

9

बुद्धि ने अपना घर बनाया

2

उसने भोज के लिए अपने पशु काटे, अपने दाखमधु में मसाला मिलाया

3

उसने अपनी सेविकाओं को आमंत्रित करने भेजा है;

4

“जो कोई भोला है वह मुड़कर यहीं आए!”

5

“आओ, मेरी रोटी खाओ,

6

मूर्खों का साथ छोड़ो,

7

जो ठट्ठा करनेवाले को शिक्षा देता है, अपमानित होता है,

8

ठट्ठा करनेवाले को न डाँट, ऐसा न हो कि वह तुझ से बैर रखे,

9

बुद्धिमान को शिक्षा दे, वह अधिक बुद्धिमान होगा;

10

यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है,

11

मेरे द्वारा तो तेरी आयु बढ़ेगी,

12

यदि तू बुद्धिमान है, तो बुद्धि का फल तू ही भोगेगा;

13

मूर्खता बक-बक करनेवाली स्त्री के समान है; वह तो निर्बुद्धि है,

14

वह अपने घर के द्वार में,

15

वह उन लोगों को जो अपने मार्गों पर सीधे-सीधे चलते हैं यह कहकर पुकारती है,

16

“जो कोई भोला है, वह मुड़कर यहीं आए;”

17

“चोरी का पानी मीठा होता है,

18

और वह नहीं जानता है, कि वहाँ मरे हुए पड़े हैं,