Job 23

23

¶ तब अय्यूब ने कहा,

2

“मेरी कुड़कुड़ाहट अब भी नहीं रुक सकती,

3

भला होता, कि मैं जानता कि वह कहाँ मिल सकता है,

4

मैं उसके सामने अपना मुकद्दमा पेश करता,

5

मैं जान लेता कि वह मुझसे उत्तर में क्या कह सकता है,

6

क्या वह अपना बड़ा बल दिखाकर मुझसे मुकद्दमा लड़ता?

7

सज्जन उससे विवाद कर सकते,

8

“देखो, मैं आगे जाता हूँ परन्तु वह नहीं मिलता;

9

जब वह बाईं ओर काम करता है तब वह मुझे दिखाई नहीं देता;

10

परन्तु वह जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ;

11

मेरे पैर उसके मार्गों में स्थिर रहे;

12

उसकी आज्ञा का पालन करने से मैं न हटा,

13

परन्तु वह एक ही बात पर अड़ा रहता है,

14

जो कुछ मेरे लिये उसने ठाना है,

15

इस कारण मैं उसके सम्मुख घबरा जाता हूँ;

16

क्योंकि मेरा मन परमेश्‍वर ही ने कच्चा कर दिया,

17

क्योंकि मैं अंधकार से घिरा हुआ हूँ,