Job 25

25

¶ तब शूही बिल्दद ने कहा,

2

“प्रभुता करना और डराना यह उसी का काम है;

3

क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती?

4

फिर मनुष्य परमेश्‍वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है?

5

देख, उसकी दृष्टि में चन्द्रमा भी अंधेरा ठहरता,

6

फिर मनुष्य की क्या गिनती जो कीड़ा है,