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¶ तब शूही बिल्दद ने कहा,
“प्रभुता करना और डराना यह उसी का काम है;
क्या उसकी सेनाओं की गिनती हो सकती?
फिर मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी कैसे ठहर सकता है?
देख, उसकी दृष्टि में चन्द्रमा भी अंधेरा ठहरता,
फिर मनुष्य की क्या गिनती जो कीड़ा है,