תהילים (Tehillim) 19

19

आकाश परमेश्‍वर की महिमा वर्णन करता है;

2

दिन से दिन बातें करता है,

3

न तो कोई बोली है और न कोई भाषा;

4

फिर भी उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूँज गया है,

5

जो दुल्हे के समान अपने कक्ष से निकलता है।

6

वह आकाश की एक छोर से निकलता है,

7

यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है;

8

यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं;

9

यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है;

10

वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं;

11

उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है;

12

अपनी गलतियों को कौन समझ सकता है?

13

तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख;

14

हे यहोवा परमेश्‍वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करनेवाले,