Salmos 56

56

हे परमेश्‍वर, मुझ पर दया कर, क्योंकि मनुष्य मुझे निगलना चाहते हैं;

2

मेरे द्रोही दिन भर मुझे निगलना चाहते हैं,

3

जिस समय मुझे डर लगेगा,

4

परमेश्‍वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा,

5

वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा-लगाकर मरोड़ते रहते हैं;

6

वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं;

7

क्या वे बुराई करके भी बच जाएँगे?

8

तू मेरे मारे-मारे फिरने का हिसाब रखता है;

9

तब जिस समय मैं पुकारूँगा, उसी समय मेरे शत्रु उलटे फिरेंगे।

10

परमेश्‍वर की सहायता से मैं उसके वचन की प्रशंसा करूँगा,

11

मैंने परमेश्‍वर पर भरोसा रखा है, मैं न डरूँगा।

12

हे परमेश्‍वर, तेरी मन्नतों का भार मुझ पर बना है;

13

क्योंकि तूने मुझ को मृत्यु से बचाया है;