Psalmen 64
64
हे परमेश्वर, जब मैं तेरी दुहाई दूँ, तब मेरी सुन;
2
कुकर्मियों की गोष्ठी से,
3
उन्होंने अपनी जीभ को तलवार के समान तेज किया है,
4
ताकि छिपकर खरे मनुष्य को मारें;
5
वे बुरे काम करने को हियाव बाँधते हैं;
6
वे कुटिलता की युक्ति निकालते हैं;
7
परन्तु परमेश्वर उन पर तीर चलाएगा;
8
वे अपने ही वचनों के कारण ठोकर खाकर गिर पड़ेंगे;
9
तब सारे लोग डर जाएँगे;
10
धर्मी तो यहोवा के कारण आनन्दित होकर उसका शरणागत होगा,