תהילים (Tehillim) 85

85

हे यहोवा, तू अपने देश पर प्रसन्‍न हुआ, याकूब को बँधुवाई से लौटा ले आया है।

2

तूने अपनी प्रजा के अधर्म को क्षमा किया है;

3

तूने अपने रोष को शान्त किया है;

4

हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्‍वर, हमको पुनः स्थापित कर,

5

क्या तू हम पर सदा कोपित रहेगा?

6

क्या तू हमको फिर न जिलाएगा,

7

हे यहोवा अपनी करुणा हमें दिखा,

8

मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्‍वर यहोवा क्या कहता है,

9

निश्चय उसके डरवैयों के उद्धार का समय निकट है,

10

करुणा और सच्चाई आपस में मिल गई हैं;

11

पृथ्वी में से सच्चाई उगती

12

हाँ, यहोवा उत्तम वस्तुएँ देगा,

13

धर्म उसके आगे-आगे चलेगा,