Psalms 120

120

संकट के समय मैंने यहोवा को पुकारा,

2

हे यहोवा, झूठ बोलनेवाले मुँह से

3

हे छली जीभ,

4

वीर के नोकीले तीर

5

हाय, हाय, क्योंकि मुझे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा

6

बहुत समय से मुझ को मेल के बैरियों के साथ बसना पड़ा है।

7

मैं तो मेल चाहता हूँ;