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संकट के समय मैंने यहोवा को पुकारा,
हे यहोवा, झूठ बोलनेवाले मुँह से
हे छली जीभ,
वीर के नोकीले तीर
हाय, हाय, क्योंकि मुझे मेशेक में परदेशी होकर रहना पड़ा
बहुत समय से मुझ को मेल के बैरियों के साथ बसना पड़ा है।
मैं तो मेल चाहता हूँ;