Salmi 27

27

यहोवा मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है;

2

जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से

3

चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले,

4

एक वर मैंने यहोवा से माँगा है,

5

क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने

6

अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊँचा होगा;

7

हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूँ,

8

तूने कहा है, “मेरे दर्शन के खोजी हो।”

9

अपना मुख मुझसे न छिपा।

10

मेरे माता-पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है,

11

हे यहोवा, अपना मार्ग मुझे सिखा,

12

मुझ को मेरे सतानेवालों की इच्छा पर न छोड़,

13

यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की

14

यहोवा की बाट जोहता रह;