Salmi 43

43

हे परमेश्‍वर, मेरा न्याय चुका

2

क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्‍वर है,

3

अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज;

4

तब मैं परमेश्‍वर की वेदी के पास जाऊँगा,

5

हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है?