詩篇 (しへん) 46

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परमेश्‍वर हमारा शरणस्थान और बल है,

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इस कारण हमको कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी

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चाहे समुद्र गरजें और फेन उठाए,

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एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्‍वर के

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परमेश्‍वर उस नगर के बीच में है, वह कभी

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जाति-जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य-राज्य

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सेनाओं का यहोवा हमारे संग है;

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आओ, यहोवा के महाकर्म देखो,

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वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है;

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“चुप हो जाओ, और जान लो कि मैं ही परमेश्‍वर हूँ।

11

सेनाओं का यहोवा हमारे संग है;