Salmos 62

62

सचमुच मैं चुपचाप होकर परमेश्‍वर की ओर मन लगाए हूँ

2

सचमुच वही, मेरी चट्टान और मेरा उद्धार है,

3

तुम कब तक एक पुरुष पर धावा करते रहोगे,

4

सचमुच वे उसको, उसके ऊँचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं;

5

हे मेरे मन, परमेश्‍वर के सामने चुपचाप रह,

6

सचमुच वही मेरी चट्टान, और मेरा उद्धार है,

7

मेरे उद्धार और मेरी महिमा का आधार परमेश्‍वर है;

8

हे लोगों, हर समय उस पर भरोसा रखो;

9

सचमुच नीच लोग तो अस्थाई, और बड़े लोग मिथ्या ही हैं;

10

अत्याचार करने पर भरोसा मत रखो,

11

परमेश्‍वर ने एक बार कहा है;

12

और हे प्रभु, करुणा भी तेरी है।